उत्तरकाशी जिले में राखी पर्व की तैयारी, मार्केट में दिख रही पिरूल और गोबर की राखियां

उत्तरकाशी जिले में राखी पर्व की तैयारी, मार्केट में दिख रही पिरूल और गोबर की राखियां
उत्तरकाशी (वीरेंद्र सिंह नेगी)- राज्य सरकार की प्रेरणा और सहयोग से महिलाएं पारंपरिक संसाधनों का उपयोग में लाकर आय के नए साधन विकसित कर रही हैं। इसका एक बेहतरीन उदाहरण है — पीरुल (चीड़ की पत्तियों) से बनी राखियों का निर्माण करना. महिलाएं समूह बनाकर पीरुल की राखियां तैयार कर रही हैं और उन्हें स्टॉलों व बाजारों में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं। इस वर्ष 4 से 8 अगस्त तक गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के मार्गों में 30 स्टॉल लगाए गए हैं, जहाँ ये राखियां यात्रियों को खूब आकर्षित कर रही हैं। इसके अतिरिक्त राज्य के विभिन्न बाजारों में भी इनका विक्रय हो रहा है। वही स्थानीय निवासी अजय प्रकाश बडोला भी गोबर की राखी बना कर बाजार में बेच रहें है, साथ महिलाएं को प्रशिक्षण भी दें रहें है।
पिछले वर्ष इन राखियों से लगभग तीन से चार लाख रुपये की आय हुई थी, और इस वर्ष इससे कहीं अधिक आय होने की संभावना जताई जा रही है। महिलाएं सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे स्वयं सहायता समूह, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और विपणन सहायता का भरपूर लाभ ले रही हैं। इस परिवर्तन के लिए महिलाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद प्रकट किया , जिन्होंने उन्हें आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ाया।