उत्तरकाशी में लगातार छोटे-छोटे भूकंप के झटके कहीं बड़ी घटना की ओर इशारा तो नहीं ?

उत्तरकाशी में लगातार छोटे-छोटे भूकंप के झटके कहीं बड़ी घटना की ओर इशारा तो नहीं ?
उत्तरकाशी (वीरेंद्र सिंह नेगी)–कुछ दिनों से उत्तरकाशी में लगातार भूकंप के छोटे-छोटे झटके महसूस किए जा रहे हैं.जिसे आज सुबह भी महसूस किया गया. अभी तक भूकंप तीव्रता 2.5 का आ रहा तो कभी 3.5 का है जिस की स्थानीय लोगों में काफी डर का माहौल बना रखा है.उत्तरकाशी जिला जॉन 5 में आता है जो भूकंप के या आपदा के लिहाजा से काफी अति संवेदनशील जिला है।
1991 में आये भूकंप के कारण यहां के लोगों ने अपनों को खोया था सैकड़ो की संख्या में यहां मौत हुई थी जिसके कारण यहां के लोग बहुत डरे सहने से रहते हैं.वैसे बात करे उत्तरकाशी कि. जिसे आपदा का घर माना जाता है क्योंकि 2010 में वर्णवत पर्वत पर भूस्खलन हुआ था.जिसमें वर्णावत का एक ऊपरी हिस्सा टूटकर मुख्यालय के कई दर्जनों होटल घर को तबाह करके चला गया था उसके बाद 2013 में भी भागीरथी नदी ने अपना विराट रूप भी देखने को मिला था. जिसके कारण कई होटल घर दुकान खेत खलियान तहस-नहस हो गए थे अब हल्के हल्के भूकंप के झटके आने के कारण लोग काफी डरे सहमे हुए हैं।
आखिर आता क्यों है भूकंप
कहा जाता है कि टेक्टोनिक बल पृथ्वी के अंदर उत्पन्न होने वाला बल है, जो पृथ्वी की ऊपर क्रस्ट को टेढ़ा करता है और उसे खंडित करता है या तोड़ता है. यह बल पृथ्वी की क्रस्टल प्लेटों की गति से उत्पन्न होता है. इसकी वजह से भूकंप, पर्वत निर्माण और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी घटनाएं होती हैं. जब भूकंप आता है तो उसका फोकस या हाइपोसेंटर उस स्थान को कहते हैं. जहां चट्टान पहली बार टूटती है. एपिसेंटर धरती का वो हिस्सा होता है, जो फोकस एरिया के ठीक ऊपर होता है।
क्या भूकंप का पूर्वानुमान लगाया जा सकर्ता है?
भू वैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप का पूर्वानुमान या भविष्यवाणी करना संभव नहीं है.क्योंकि यह बता करना संभव नहीं है कि कब भूमिगत चट्टानें टूटेंगी. वैज्ञानिकों ने यह तो पता कर लिया है कि भूकंप की वजह क्या है, लेकिन अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि भूमिगत चट्टानें कब टूटेंगी. हम अपने दर्शकों को बताना चाहेंगे कि भूकंप से डरे नहीं बल्कि सतर्क रहें।