कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने की विकास मेले में शिरकत

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने की विकास मेले में शिरकत
उत्तरकाशी (वीरेंद्र सिंह नेगी)- उत्तरकाशी स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में डुंडा स्थित माँ रेणुका देवी मंदिर परिसर में पिछले पांच दिनों से आयोजित विकास मेले का भव्य समापन समारोह सम्पन्न। इस अवसर पर पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और देव डोलियों के सानिध्य में स्थानीय ग्रामीणों के साथ माँ रेणुका की पूजा-अर्चना कर क्षेत्रवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।
वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल के बौन इंजीनियरिंग कॉलेज में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के तहत उन्होंने भी इस विकास मेले में पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज की। इस अवसर पर पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने कहा कि यह विकास मेला हमारी समृद्ध सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत का परिचायक है। बीते 9-10 वर्षों में मेला समिति के अथक प्रयासों से यह आयोजन अपनी अलग पहचान बना चुका है और प्रतिवर्ष स्थानीय जनता की बढ़ती सहभागिता एवं देव डोलियों के आशीर्वाद से इसका स्वरूप और भी भव्य होता जा रहा है। यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है कि यह मेला हमारी परंपराओं, संस्कृति और लोक आस्था को संजोए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस मेले को और अधिक आकर्षक व भव्य रूप दिया जाएगा, ताकि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक स्थायी प्रतीक बन सके। इस दिशा में सभी ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और मेला समिति के सहयोग से हम इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक एवं पर्यटन मेले के रूप में विकसित करने का संकल्प लेते हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी अपनी सांस्कृतिक एवं धार्मिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है, और इस प्रकार के आयोजन हमारी सामाजिक एकता और आध्यात्मिक समृद्धि को और अधिक मजबूती प्रदान करते हैं।
पिछले पांच दिनों से आयोजित इस विकास मेले के दौरान धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन एवं पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने आयोजन को और अधिक भव्य बना दिया। उपस्थित जनसमूह ने मेले की व्यवस्थाओं की सराहना की और भविष्य में इसे और अधिक भव्य रूप देने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर मेला समिति के अध्यक्ष राजदीप परमार, सचिव पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख डुंडा पदम दत्त जोशी, बुद्धिबल्लभ जोशी, गंगाधर जोशी, लाल सिंह बिष्ट, नत्थी लाल घलवान, सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति, स्थानीय ग्रामीण एवं श्रद्धालु सम्मिलित रहे।