शीतकालीन चारधाम यात्रा के दौरान जीएमवीएन गेस्ट हाउस में मिलेगी 10 फीसदी की छूट।

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उत्तराखंड चारधाम के कपाट नवंबर महीने में शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। ऐसे में उत्तराखंड सरकार शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है ताकि श्रद्धालु केदारनाथ,  बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों दर्शन कर सकें, जिससे न सिर्फ प्रदेश में शीतकाल यात्रा को प्रमोट किया जा सकेगा, बल्कि इससे स्थानीय लोगों को भी शीतकाल के दौरान रोजगार मिलेगा। शीतकाल यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को शासन के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की।

शासकीय आवास पर हुई उच्चाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए यात्रा शुरू करे और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाए। साथ ही कहा कि इन शीतकालीन प्रवास स्थलों पर आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक अगर जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में रुकते हैं तो उन्हें किराए में 10 प्रतिशत की छूट देने की व्यवस्था की जाए। ताकि तीर्थयात्रीयों और पर्यटकों को प्रोत्साहित किया जा सके।

इसके साथ ही बैठक के दौरान सीएम ने  रजतोत्सव सशक्त उत्तराखण्ड योजना की अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं की भी समीक्षा की। साथ ही योजनों को समय पर धरातल पर उतरने के निर्देश दिए। प्रदेश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए की सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष नियमावली तैयार की जाए। इसके साथ ही ड्रग्स के मामलों में कठोर कार्रवाई करने और प्रदेश में चल रहे बाहरी लोगों के सत्यापन अभियान को और अधिक प्रभावी और बेहतर बनाने के निर्देश दिए।

दरअसल, रुद्रप्रयाग जिले में स्थित, उखीमठ में ओंकारेश्वर मंदिर है जो भगवान केदारनाथ का शीतकालीन निवास स्थान है। पांडुकेश्वर में भगवान बद्री के दूत, उद्धव मूर्ति की सर्दियों के दौरान पूजा की जाती है। शीतकाल के दौरान यमुनोत्री जी खरसाली में प्रवास करती है। इसके साथ ही शीतकाल के दौरान देवी यमुना, हर्षिल के पास भागीरथी नदी के तट पर स्थित एक छोटे से गांव मुखबा में प्रवास करती है। ऐसे में यात्री शीतकाल के दौरान चारधाम के दर्शन कर सकते है।

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